आज के इस वर्तमान समय में वैद्युत पॉवर का उत्पादन, ट्रांसमिशन एवं
डिस्ट्रिब्यूशन प्रत्यावर्ती धारा यानि AC में हो रहा है।
सब-स्टेशन क्या होता है |Sub-station in hindi का pdf निचे है
सबस्टेशन; उपकरणों का एक ऐसा संयोजन हैं, जिसके द्वारा वैद्युत ऊर्जा के
विशेषताओ को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है
यहाँ बिद्युत की विशेषता वोल्टता ,करेंट ,फ्रीक्वेंसी ,पावर फैक्टर आदि को
कहा जा रहा है
ऐसे हम बात करे तो Sub Station का मुख्य उद्देश्य उच्च वोल्टता को निम्न
वोल्टता में या निम्न वोल्टता को उच्च वोल्टता में परिवर्तित करना है
सब-स्टेशन को लगाने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए
(a )
स्टेशन को ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जहाँ से चारों ओर बराबर लोड हो, अर्थात्
सब-स्टेशन बीच में होना चाहिए।
(b ) यह आसानी से चालू होने वाला हो और सरल तरीके से देख भाल हो
सके।
(c ) इसकी प्रारम्भिक कीमत कम होनी चाहिए।
Classification of Sub-stations
Sub-stations कितने प्रकार के होते है ?
Sub-stations के वर्गीकरण के बहुत तरीके हैं, परन्तु हम दो मुख्य तरीको के बारे
में बात करेंगे
1. Service Requirement (सेवा के अनुसार)
2. According to Constructional Features (संरचना के अनुसार )
1. Service Requirement के अनुसार
1. Transformer (T/F) Sub-station
2. Switching Sub-station)
3. Power Factor Improvement Sub-station)
4. Freq. changer Sub-station)
5. परावर्तक सब-स्टेशन (Converting Sub-station)
6. औद्योगिक सब-स्टेशन (Industrial Sub-station)
2. संरचना के आधार पर (According to Constructional Features)
1. Indoor Sub-station
2. Outdoor Sub-station
3. Underground Sub-station)
4. खम्भा पर स्थापित (Pole Mounted Sub-station)
इस पोस्ट में हम इन सभी के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं देंगे ज्यादातर के बारे में ओवरव्यू देते चलेंगे
1. Indoor Sub-station -
11kV तक के वोल्टता के लिए Indoor Sub-station का प्रयोग किया जाता है। परन्तु यदि मौसम शुष्क और अच्छा हो तो Indoor Sub-station को 66 kV तक के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
2.Outdoor Sub-station
66 kV तक की voltage के लिए Outdoor Sub-station का प्रयोग किया जाता है ।
क्योंकि इतना वोल्टता के लिए चालकों (तारो )के मध्य ज्यादा दूरी की आवश्यकता
पड़ती है जिससे उनके बीच का gap बढ़ाना पड़ता है।
3.Underground Substation-
ऐसे इलाके जहाँ पर बहुत अधिक जनसख्या हो ,भीड़-भाड़ हो और जमीन की मात्रा सीमित हो,या बहुत महँगी जमीन हो वहाँ पर हम Underground Substation को स्थापित करते हैं।
Underground Substation के डिजाइन के लिए अन्य सब-स्टेशन की अपेक्षा अधिक सावधानी रखनी पड़ती है।

जब किसी Underground Substation का निर्माण करते हैं। तो निम्न बातों को ध्यान
में रखा जाता है
1. सब-स्टेशन का साइज जितना हो सके छोटा हो।
2. आग से सुरक्षा के लिए आपातकालीन व्यवस्थाएँ होनी चाहिए।
3. वायु संचरण के लिए पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए।
4. T/F, स्विच और फ्यूज वायु शीतलित होने चाहिए।
1. सब-स्टेशन का साइज जितना हो सके छोटा हो।
2. आग से सुरक्षा के लिए आपातकालीन व्यवस्थाएँ होनी चाहिए।
3. वायु संचरण के लिए पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए।
4. T/F, स्विच और फ्यूज वायु शीतलित होने चाहिए।
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4. खम्भा आरोपित वैद्युत केन्द्र (Pole Mounted Substation)—
यह Outdoor Sub-station के समान ही है जिसमें H आकार के खम्भों पर अपने T/F को रखते हैं।
हलांकि काम पावर के ट्रांसफार्मर को सिंगल पोल पर भी स्थापित किया जाता है
यह 11kV तक की वोल्टता के लिए सबसे सस्ता Sub-station है
यह एक वितरक (distributer) सब-स्टेशन है जिसके द्वारा उपभोक्ता को सप्लाई दी जाती है।
क्या आप जानते है
Transformer Substation
पॉवर सिस्टम के अन्तर्गत सब-स्टेशन की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि वोल्टता को बदलने का लेवल क्या है?
इस प्रकार के सब-स्टेशन Transformer Substation) के नाम से जाने जाते हैं। क्योंकि T/F की सहायता से ही वोल्टता को कम अथवा ज्यादा किया जा सकता है।
T/F सब-स्टेशन को निम्न भागों में बाँटा गया है
1. Step up Sub-station
2. Primary Grid Sub-station
3. Secondary Substation
4. Distribution Substation)
नीचे चित्र में एक ब्लॉक डायग्राम दिखाया गया है जिसमें ऊपर के सभी सब-स्टेशनों के पोजिशन को दिखाया गया है।
1 . Step up Sub-station
इस प्रकार के सब-स्टेशन में उत्पन्न वोल्टता 11 kV को उच्च वोल्टता में
स्टेप-अप किया जाता है। इस प्रकार के सब-स्टेशन सामान्यतः पॉवर हाऊस पर लगाये
जाते हैं और बाह्य टाइप के सब-स्टेशन हैं।
2. Primary Grid Sub-station-
स्टेप-अप सब-स्टेशन से इलेक्ट्रिक पावर 220 kV को 3-फेज, 3-वायर system
द्वारा ट्रॉन्समिट कर दिया जाता है। यहाँ पर इस इलेक्ट्रिकल पॉवर को प्राइमरी
ग्रिड सब-स्टेशन के द्वारा प्राप्त कर लिया जाता है जहाँ पर secondary
substation के लिए वोल्टता को गिराकर 66 kV कर दिया जाता है।
Primary Grid Sub-station सामान्यत: एक outdoor type का सब-स्टेशन है।
3. Secondary substation
Primary Grid Sub-station से इलेक्ट्रिक को 66kV में 3-फेज, 3-वायर सिस्टम के द्वारा शहर के विभिन्न सब-स्टेशनो को दिया जाता है। secondary substation पर वोल्टता को पुन: 11 kV में स्टेपडाउन किया जाता है।
इस 11 kV की लाइन पूरे शहर के रोड के किनारे से गुजरती है। और आवश्यक्ता अनुसार बड़े उपभोक्तओं को सीधे 11V की सप्लाई दी जाती है जिसे कि वे अपने सब-स्टेशन के द्वारा स्टेप-डाउन करते हैं।
4. Distribution Sub-station)-
11 kV की पॉवर सप्लाई को Distribution Sub-stationपर भेजा जाता है। ये
सब-स्टेशन उपभोक्ता के आस-पास ही स्थापित करते हैं। इस सब-स्टेशन पर वोल्टता को
स्टेप-डाउन करके 400 volt, 3-फेज, 4 wire सिस्टम में सप्लाई की जाती है। जिसमें
फेज-फेज वोल्टता 400 volt तथा फेज-न्यूट्रल के बीच वोल्टता 220 volt होती है।
यह Distribution Sub-station सामान्यत: पोल माउण्टेड टाइप के होते
हैं जिसको हम अभी ऊपर पढ़ चुके है
Symbols for Equipments in Substation
Circuit element symbol
Ji हां दोस्तों , आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को पढ़ने में बिताया इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आपने "सब-स्टेशन क्या होता है |Sub-station in hindi "के बारे में जाना | हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो इसे आप अपने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जरुर शेयर करे👇